Saturday, April 1, 2017

EVM vs Ballet Paper

*EVM vs Ballet Paper*

EVM मशिन जब प्रिंटरसे जोडा तब बटन कोई भी दबे कमल की पर्ची छपी, यह घटना आज मध्य प्रदेश मे चुनाव अधिकारी सामने घटी. तुरंत सभी लोगोने इसे EVM घोटाला करार दिया. सबसे आगे थे केजरीवालजी. उन्होने तो मांग करली कि चुनाव बैलेट पेपर सेही कराया जाय.

कोई यह मुद्दा नही उठा रहा है कि कमल चिन्ह का बटन जो कि पहले दबाया था, बटन दबते ही वह चिन्ह प्रिंटरसे कनेक्ट हुआ. लेकिन बादमें अन्य कोई भी चिन्ह दबाने के बाद कमल काही प्रिंट निकल रहा था. *मतलब पहले बटन दबानेपर जब EVM जिस चिन्हको प्रिंटरसे कनेक्ट हुआ वह डिस्कनेक्ट हुआ ही नही. इसलिए बटन कोइभी दबे प्रिंट वही, कमलका ही निकल रहा था जो कि पहला दबाया हुआ चिन्ह था.*

*क्या पहला दबाया बटन हाथ या झाडू चिन्ह का दबता तब भी कमल चिन्ह का प्रिंट निकलता ?*

*अब बैलट पेपर के बारेमें -*

इसमें तो गडबडी इतनी आसान है देखिए. समझो *बैलट पेपर गुलाबी रंग का है*. उसी आकारका एक कागज़ फोल्ड करके अंदर ले जाना है. बस्स, हो गया काम !  बैलट पेपर मिलनेपर जब वोटर मतदान कक्षमे उस पेपर पर चिन्ह के सामने मुहर लगाने लिए जाता है *तब जेबमेसे नकली पर्चा निकालकर असली पर्ची बगैर मुहर लगाए जेबने रखना है. बैलट बाॅक्समे नकली गुलाबी कागज अधिकारी के समक्ष डालकर असली पर्ची बाहर ले आना है.*

एक असली पर्ची बगैर मुहरवाली बाहर आनेके बाद  उसे मुहर लगाकर वोटर को दिया जाता है और उसके बदले उसने बगैर मुहरवालीे नयी पर्ची बाहर लानी है. *इस तरह एक पेपर बैलेट के रंगके कागज के बदले चाहे जितने वोट (पैसेके लेनदेनसे) मॅनेज करते हुए नकली वोटिंग आसान हो सकती है.*

तो अब आपही सोचिये बैलेट पेपरसे वोटिंगकी मांग क्यो हो रही है ?

बिंदुमाधव भुरे

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